भाई दूज का नाम है यम द्वितीया, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है।
इस पर्व में भाई-बहन का प्रेम और समर्पण होता है।
भाई-बहन की लम्बी आयु की कामना में भाई को टीका और हाथ में कलावा बाँधती हैं।
भाई भी इस मौके पर बहन को गिफ्ट देते हैं।
तिथि के बारे में उत्सुकता में लोगों के बीच में असमंजस है।
ज्योतिषियों के अनुसार, उदया तिथि पर पर्व मनाना शुभ होता है।
भाई दूज का उत्सव कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि तक चलता है।
टीके का शुभ समय दोपहर 01 बजकर 10 मिनट से लेकर 03 बजकर 19 मिनट तक है।
इस दिन यम द्वितीया भी मनाई जाती है, जब यम देवता अपनी बहन यमुना जी के घर गए थे।
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